“ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ मंज़र लखनवी टैग : दिल शेयर कीजिए यह भी पढ़ें : गर्मियों की छुट्टियों पर शायरी, जो बच्चों को छुट्टियों का आनंद लेना सिखाएंगी बहुत डराती हैं तुम्हारी यादें https://youtu.be/Lug0ffByUck